खमढ़ोडगी, 22 मार्च:
विश्व जल दिवस के अवसर पर खमढ़ोडगी ग्राम में जल संरक्षण और सिंचाई प्रबंधन में सामूहिक प्रयासों की मिसाल पेश की गई है। आदिवासी बाहुल्य इस गांव में सिंचाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण किसानों को फसल उत्पादन में सीमित सफलता मिल रही थी। लेकिन एसबीआई फाउंडेशन के सहयोग से ग्राम सेवा कार्यक्रम के तहत सामूहिक सिंचाई प्रबंधन की व्यवस्था ने किसानों की तकदीर बदल दी।
सिंचाई प्रबंधन की शुरुआत:
2015 में स्थापित सिंचाई प्रणाली कई वर्षों तक निष्क्रिय थी, लेकिन 2023 में किसानों की भागीदारी और समिति के गठन से नई शुरुआत हुई। 5 HP मोटर पंप और पाइपलाइन की मरम्मत कर, सिंचाई के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए। समिति ने प्रति एकड़ ₹1500 प्रति फसल की राशि जमा करने का निर्णय लिया, जिससे मरम्मत और बिजली बिल के खर्चे पूरे किए जा सके।
जल संरक्षण और फसल चक्र में सुधार:
समिति द्वारा फसल चक्र में विविधता लाने के लिए कम पानी वाली फसलों को प्रोत्साहित किया गया। अब किसान खरीफ में धान और रबी में दलहन, तिलहन, चना और सरसों जैसी फसलें उगा रहे हैं। पहले जहां सिर्फ वर्षा आधारित खेती होती थी, वहीं अब वर्ष में दो फसलें ली जा रही हैं।
परिणाम:
- जल प्रबंधन से उत्पादन में वृद्धि: 2023 में 40 क्विंटल और 2024 में 120 क्विंटल की अतिरिक्त उपज हुई।
- किसानों की आय में वृद्धि: रबी फसल से 2023 में ₹10.50 लाख और 2024 में ₹11.55 लाख की अतिरिक्त आय हुई।
- सिंचाई शुल्क से कोष की स्थिरता: 1.95 लाख रुपये की निधि एकत्रित हुई, जिससे पाइप और मोटर की मरम्मत का कार्य सुचारू रूप से हुआ।
समाज में जागरूकता और जल संरक्षण का संदेश:
विश्व जल दिवस के अवसर पर किसानों ने जल संरक्षण और सतत सिंचाई प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया। समिति के सदस्य जल उपयोग की निगरानी कर रहे हैं और गांव के अन्य किसानों को भी पानी की बचत और सामूहिक प्रयासों के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।
“जल संरक्षण से समृद्धि की ओर” के संदेश के साथ, खमढ़ोडगी ग्राम ने सामूहिक प्रयासों से जल प्रबंधन और आय में वृद्धि की मिसाल कायम की है।